जानिए जापान के बारे में .....

क्या आप जानते है?
* क्या आपने कभी यह समाचार पढ़ा है कि मुस्लिम राष्ट्र का कोई प्रधानमंत्री या कोई बड़ा नेता कभी जापान या टोकियो कि यात्रा पर गया हो?
* क्या आपने कभी किसी अख़बार में यह भी पढ़ा है कि ईरान या सउदी अरब के राजा ने जापान कि यात्रा कि हो? कारण
* दुनिया में जापान ही एकमात्र ऐसा देश है जो मुसलमानों को जापानी नागरिकता नहीं देता |
* जापान में अब किसी भी मुस्लमान को स्थायी रूप से रहने कि इजाजत नहीं दी जाती है |
* जापान में इस्लाम के प्रचार-प्रसार पर कड़ा प्रतिबन्ध है |
* जापान के विश्वविधालयों में अरबी या अन्य इस्लामी राष्ट्रों कि भाषाए नहीं पढाई जाती|
* जापान में अरबी भाषा में प्रकाशित कुरान आयत नहीं कि जा सकती| इस्लाम से दुरी
* सरकारी आकड़ों के अनुसार, जापान में केवल दो लाख मुसलमान है. और ये भी वही है जिन्हें जापान सरकार ने नागरिकता प्रदान कि है |
* सभी मुस्लिम नागरिक जापानी भाषा बोलते है और जापानी भाषा में ही अपने सभी मजहबी व्यवहार करते है |
* जापान विश्व का ऐसा देश है जहाँ मुस्लिम देशों के दूतावास न के बराबर है |
* जापानी इस्लाम के प्रति कोई रूचि नहीं रखते. आज वहा जितने भी मुसलमान है वे विदेशी कंपनियों के कर्मचारी ही है | परन्तु आज कोई बाहरी कंपनी अपनें यहाँ के मुस्लिम डाक्टर, इंजीनियर या प्रबंधक आदि को जापान में भेजती है तो जापान सरकार उन्हें जापान में प्रवेश कि अनुमति नहीं देती है |
* अधिकतर जापानी कंपनियों ने अपने नियमों में यह स्पष्ट लिख दिया है कि कोई मुसलमान उनके यहाँ नौकरी के लिए आवेदन न करे |
* जापान सरकार यह मानती है कि मुसलमान कट्टरवाद के पर्याय है, इसलिए आज के वैश्विक दौर में भी वे अपने पुराने नियम बदलना नहीं चाहती |
* जापान में किराये पर किसी मुस्लिम को घर मिलेगा, इसकी तो कल्पना भी नहीं कि जा सकती. यदि किसी जापानी को उसके पडौस के मकान में मुस्लिम के किराये पर रहने कि खबर मिल जाये तो सारा मौहल्ला सतर्क हो जाता है|
* जापान में कोई इस्लामी या अरबी मदरसा नहीं खोल सकता | मतान्तरण पर रोक
* जापान में मतान्तरण पर सख्त पाबन्दी है |
* किसी जापानी ने अपना पंथ किसी कारणवश बदल लिया है तो उसे व उसके साथ मतान्तरण कराने वाले कि सख्त सजा दी जाती है. यदि किसी विदेशी ने यह हरकत कि है तो उसे सरकार कुछ ही घंटों में जापान छोड़ कर चले जाने का सख्त  आदेश देती है|
* यहाँ तक कि जिन ईसाई मिशनरियों का हर जगह असर है, वे जापान में दिखाई नहीं देतीं |
* वेटिकन पोप को दो बातों का बड़ा अफसोस होता है कि - एक तो यह कि वे २० वी शताब्दी समाप्त होने के बावजूद भारत को यूनान कि तरह ईसाई देश नहीं बना सके. दूसरा यह कि जापान में ईसाईयों कि संख्या में वृद्धी नहीं हो सकी |
* जापानी चंद सिक्कों के लालच में अपने पंथ का सौदा नहीं करते. बड़ी से बड़ी सुविधा का लालच दिया जाये तब भी वे अपने पंथ के साथ धोखा नहीं करते.
*जापान में 'पर्सनल ला' जैसा कोई शगूफा नहीं है.
* यदि कोई जापानी महिला किसी मुस्लिम से विवाह कर लेती है तो उसका सामाजिक बहिस्कार कर दिया जाता है|
* जापानियों को इसकी तनिक भी चिंता नहीं है कि कोई उनके बारे में क्या सोचता है|
* टोकियो विश्वविधालय के विदेशी अध्धयन विभाग के अध्यक्ष कोमिको यागी के अनुसार, इस्लाम के प्रति जापान में हमेशा यही मान्यता रही है कि वह एक संकीर्ण सोच का मजहब है. उसमें समन्वय कि गुंजाईश नहीं है |
* स्वतन्त्र पत्रकार मोहम्मद जुबेर ने ९/११ कि घटना के बाद अनेक देशों कि यात्रा कि थी. वह जापान भी गए, लेकिन वहां जाकर उन्होंने देखा कि जापानियों को इस बात पर पूरा भरोसा है कि कोई आतंकवादी जापान में पर भी नहीं मर सकता | सन्दर्भ
* जापान सम्बन्धी इस चौका देने वाली जानकारी के स्रोत है शरणार्थी मामले देखने वाली संस्था 'सलिडेरीटी नेटवर्क' के महासचिव जरनल मनामी यातु |  
* मुजफ्फर हुसैन द्वारा लिखित लेख के कुछ मुख्य बिंदु जो कि पांचजन्य, के ३० मई, २०१० के अंक से लिए गए ह

3 comments:

  1. aisa hindustan me bhi hona chahiye

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  2. According to japanfocus.org,[13] 'There are currently between 30 and 40 single-story mosques in Japan, plus another 100 or more apartment rooms set aside, in the absence of more suitable facilities, for prayers. Source Wikipedia.

    "The Japanese government does not keep any statistics on the number of Muslims in Japan. Neither foreign residents nor ethnic Japanese are ever asked about their religion by official government agencies".

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  3. Mast yar in Japan me rehane wale mullo ki to do no taraf se baj gayi audio cassette ki trha, agar Japan me rehna hai to nokaron ki trha raho nahi to palti le lo aur kisi ko help ke liye bhi nahi bula sakte.

    Aur ye Vetican POP sala nam se hi nalayak lag raha hai ab afsos to is ko bhi hoga, Kyo ki is ki to mullo se bhi solid wali lagi hai pura world me success hua par BHARAT aur Japan me nahi ho paya.


    Kashhh mere BHARAT me ese hi rules ho jaye...

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