मुख्य पात्र:-
कांग्रेसी think tank
दिग्विजय सिंह
अन्ना हजारे
बाबा रामदेव
विदेशी कंपनियों के भारतीय agent
इस नाटक की शुरुआत तब होती है जब स्वदेशी आन्दोलन के प्रखर प्रवक्ता rajiv dixit जी भारत स्वाभिमान यात्रा के तहत गाँव गाँव जाकर लोगो को स्वदेशी और अपनी संस्कृति के बारे में लोगो को जागरूक कर रहे थे
विदेशी कंपनियों की लूट, कोल्ड ड्रिंक के रूप में ज़हर, पाश्चात्य दर्शन की और हमारा झुकाव और उसके दुष्परिणाम, हमारी आज़ादी का दुष्प्रचार जैसे कई विषयों पर उनके तर्कपूर्ण व्याख्यानों से विदेशी कंपनियों की agent
कांग्रेसी सरकार डर गयी थी
इसी यात्रा के सिलसिले में राजीव भाई एक बार रालेगन सिद्धि गए वह उनकी मुलाकात श्री अन्ना हजारे जी से हुई
राजीव भाई ने उनकी सामाजिक कार्यो में रूचि को देखकर उन्हें अपना मंच दिया और स्वामी रामदेव जी से मुलाकात करवाई
३० नवम्बर २०१० को राजीव भाई की मौत (हत्या) हो गई
उसके बाद स्वामी रामदेव जी महाराज ने भारत स्वाभिमान यात्रा करने का संकल्प लिया
हर तहसील जिले में जाकर वो अपना गला फाड़कर लोगो को समझाते की किस तरह ये कांग्रेस और विदेशी कंपनिया हमें लूट रही है
लोग जागरूक होने लगे थे उन्हें पता चल गया था की इन कांग्रेस्सियो ने ५० सालो से देश को लूटकर स्विस बैंक में जमा कर रखा है
बाबा योग के साथ साथ देशभक्ति की भी शिक्षा देने लगे थे ये कांग्रेसी सरकार को बर्दाश्त नहीं हो रहा था
इसी कारण से कभी बाबा का गुणगान करने वाली मीडिया और कांग्रेस ने बाबा की छवि ख़राब करने का प्रयास शुरू कर दिया था
दिनांक :- १४ नवम्बर २०१०
स्थान :- जंतर मंतर, दिल्ली
बाबा के मंच पर अरविन्द केजरीवाल जी, किरण बेदी जी, अन्ना हजारे जी, प्रसिद्ध वकील रामजेठमलानी जी के साथ मौजूद काफी गणमान्य लोग कालेधन को वापस लाने की मुहीम में बाबा का साथ देने की अपील करते है
तब कोई भी अन्ना जी और अरविन्द जी को पहचानता तक नहीं था बाबा उनका परिचय करवाते है
दिनांक :- २७ फरबरी 2011
स्थान:- रामलीला मैदान, दिल्ली
बाबा के मंच पर मौजूद सभी लोग (with अन्ना) काला धन वापस लाने के लिए एक देशव्यापी आन्दोलन का आवाहन करते है
चूँकि बाबा की हर रैली किसी न किसी देशभक्त के जन्म दिवस या शहीद दिवस से सम्बंधित होती थी इसलिए २७ फरबरी (चन्द्र शेखर आज़ाद का शहीद दिवस) के बाद बाबा ने ४ जून(महाराणा प्रताप का जन्म दिवस) को काले धन को वापस लाने की मांग को लेकर आमरण अनशन करने की घोषणा की
२७ फरबरी के बाद शुरू हुआ षड़यंत्र===
कांग्रेस को बाबा को मिलता हुआ अपर समर्थन देखकर डर लगने लगा
उसे अपना असितत्व खतरे में दिखाई दिया तो उसने एक गेम प्लान किया--- बाबा और कालेधन की मांग को ब्रह्माण्ड में विलीन करवाने का
दिनांक :- 5 अप्रैल 2011
स्थान :- जंतर मंतर
जनता के सामने एक नया हीरो अवतरित हुआ और एक नया मुद्दा
उस हीरो को अनशन पर बिठाया गया और इसका पूरा खर्चा उठाया कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल ने
कांग्रेस के टुकडो पर पलने वाली मीडिया ने उसका खूब जोर शोर से प्रचार किया की वो एव्क ही दिन में zero से हीरो बन गया
दिनांक :- ४ जून 2011
स्थान :- रामलीला मैदान
२१ घंटे में ही कांग्रेसी साम्राज्य की नीव हिल गयी सरकार अपनी सभी साजिशो को असफल होता देखकर लाठी चार्ज करवा दिया
बड़े बूड़े और बच्चो में से किसी को नहीं बख्शा गया
जलियावाला बाग़ याद आ गया लोगो को
मीडिया ने बाबा के खिलाफ दुष्प्रचार करने में कोई कमी नहीं छोड़ी
इसी बीच ९ जून से १६ जून तक सोनिया और राहुल स्वित्ज़रलैंड में अपना black money ठिकाने लगा आये बाद में जब स्विस बैंक के सीईओ ने ये रकम बताई तो वो ४०० लाख करोर से कम होकर २८० लाख करोर बची
अन्ना ने डेल्ही पुलिस की कायवाही के विरुद्ध एक दिन का सांकेतिक अनशन भी किया
दिनांक :-१६ अगस्त 2011
स्थान :- रामलीला मैदान
अन्ना का तीसरा अनशन शुरू
अन्ना को ४ जून के EMOTION का फायदा मिला और लोग ड्रामा देखने जुटे
इसी बीच सोनिया किसी गुप्त रोग का इलाज कराने अमेरिका चली गयी और सुनने में ये भी आया था की उन्होंने BLACK MONEY को GOLD में CONVERT कर लिया
अन्ना ने आन्दोलन के सफल बनाने केलिए सबका नाम लिया लेकिन बाबा और उस शहीद को भुला दिया जिसने आन्दोलन में अपनी जान दे दी क्युकी वो भारत स्वाभिमान से जुड़ा था
अन्ना ने ये कहकर अनशन तोड़ दिया की सरकार ने हमारी मागे मान ली सभी अंधभक्तो ने खूब एन्जॉय किया
सरकार ने अन्ना को दूसरी बार उल्लू बनाया या यु कहे अन्ना और कांग्रेस दोनों ने मिलकर हमे उल्लू बनाया
अग्निवेश ने अमरनाथ यात्रा को ढोंग कहा तो अन्ना शांत
अग्निवेश ने कश्मीर के बिना भारत के नक़्शे के चित्र का अनावरण किया अन्ना फिर भी शांत
अग्निवेश ने अन्ना को पागल हाथी कहा तो टीम से निकल दिया गया
प्रशांत भूषण ने कश्मीर लोड़ने की बात कही
मेधा पाटेकर और संदीप पाण्डेय ने सेना के खिलाफ रैली निकाली
कुमार विश्वास ने भगवन शिव और बाबा के खिलाफ अशोभनीय व्यंग किया
"अकबर की तरह गए थे जोधा की तरह आये" यही बोला था न बाबा के लिए कुमार साहब ने
संदीप पाण्डेय ने rss की तुलना आतंकी संगठन से भी की
किरण बेदी जैसी प्रभावशाली महिला बोलती है "Baba Ramdev has a hidden agenda ."
११ दिसम्बर २०११ को भी एक अनशन किया गया
आज भी एक ड्रामा स्टार्ट होने वाला है
ये अन्ना का जन लोकपाल बिल के लिए पांचवा अनशन होगा लेकिन क्या हासिल हुआ पिछले चार नाटको में
जहा से हमने चलना शुरू किया था वही खड़े है और अगर गहराई से सोचे तो और पीछे ही चले गए है अन्ना बार बार ड्रामा करके लोगो को उलझाये रखना चाहते है ताकि सबका ध्यान BLACK MONEY से हटाया जा सके
कुछ समय बाद कांग्रेस जन लोक पाल बिल पारित करा देगी .. इंतजार का फल मीठा होता है
लोग अन्ना को भगवन की तरह पूजने लगेगे जो अन्ना कहेगे वही लोग करेगे
चूंकि बिल कांग्रेस ने पारित करवाया इसलिए अन्ना कहेगे हम कांग्रेस सरकार के बहुत आभारी है और हमे सरे गिले शिकवे भूल जाना चाहिए
चुकी अन्ना ये मानते है की भर्ष्टाचार में कांग्रेस के पास बेच्लोर डिग्री है तो बीजेपी के पास phd इसलिए अगर २०१४ के आम चुनावों में आन्ना कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग करवाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए और अन्ना एव केजरीवाल कह भी चुके हैं कि अगर कान्ग्रेस जनलोकपाल बिल पारित करती है तो हम उसके साथ मिलकर काम करेंगे।
जो सहमत है उनके लिए ये रियल स्टोरी है और जो असहमत है उनके लिए सिर्फ स्टोरी
वन्दे मातरम
कांग्रेसी think tank
दिग्विजय सिंह
अन्ना हजारे
बाबा रामदेव
विदेशी कंपनियों के भारतीय agent
इस नाटक की शुरुआत तब होती है जब स्वदेशी आन्दोलन के प्रखर प्रवक्ता rajiv dixit जी भारत स्वाभिमान यात्रा के तहत गाँव गाँव जाकर लोगो को स्वदेशी और अपनी संस्कृति के बारे में लोगो को जागरूक कर रहे थे
विदेशी कंपनियों की लूट, कोल्ड ड्रिंक के रूप में ज़हर, पाश्चात्य दर्शन की और हमारा झुकाव और उसके दुष्परिणाम, हमारी आज़ादी का दुष्प्रचार जैसे कई विषयों पर उनके तर्कपूर्ण व्याख्यानों से विदेशी कंपनियों की agent
कांग्रेसी सरकार डर गयी थी
इसी यात्रा के सिलसिले में राजीव भाई एक बार रालेगन सिद्धि गए वह उनकी मुलाकात श्री अन्ना हजारे जी से हुई
राजीव भाई ने उनकी सामाजिक कार्यो में रूचि को देखकर उन्हें अपना मंच दिया और स्वामी रामदेव जी से मुलाकात करवाई
३० नवम्बर २०१० को राजीव भाई की मौत (हत्या) हो गई
उसके बाद स्वामी रामदेव जी महाराज ने भारत स्वाभिमान यात्रा करने का संकल्प लिया
हर तहसील जिले में जाकर वो अपना गला फाड़कर लोगो को समझाते की किस तरह ये कांग्रेस और विदेशी कंपनिया हमें लूट रही है
लोग जागरूक होने लगे थे उन्हें पता चल गया था की इन कांग्रेस्सियो ने ५० सालो से देश को लूटकर स्विस बैंक में जमा कर रखा है
बाबा योग के साथ साथ देशभक्ति की भी शिक्षा देने लगे थे ये कांग्रेसी सरकार को बर्दाश्त नहीं हो रहा था
इसी कारण से कभी बाबा का गुणगान करने वाली मीडिया और कांग्रेस ने बाबा की छवि ख़राब करने का प्रयास शुरू कर दिया था
दिनांक :- १४ नवम्बर २०१०
स्थान :- जंतर मंतर, दिल्ली
बाबा के मंच पर अरविन्द केजरीवाल जी, किरण बेदी जी, अन्ना हजारे जी, प्रसिद्ध वकील रामजेठमलानी जी के साथ मौजूद काफी गणमान्य लोग कालेधन को वापस लाने की मुहीम में बाबा का साथ देने की अपील करते है
तब कोई भी अन्ना जी और अरविन्द जी को पहचानता तक नहीं था बाबा उनका परिचय करवाते है
दिनांक :- २७ फरबरी 2011
स्थान:- रामलीला मैदान, दिल्ली
बाबा के मंच पर मौजूद सभी लोग (with अन्ना) काला धन वापस लाने के लिए एक देशव्यापी आन्दोलन का आवाहन करते है
चूँकि बाबा की हर रैली किसी न किसी देशभक्त के जन्म दिवस या शहीद दिवस से सम्बंधित होती थी इसलिए २७ फरबरी (चन्द्र शेखर आज़ाद का शहीद दिवस) के बाद बाबा ने ४ जून(महाराणा प्रताप का जन्म दिवस) को काले धन को वापस लाने की मांग को लेकर आमरण अनशन करने की घोषणा की
२७ फरबरी के बाद शुरू हुआ षड़यंत्र===
कांग्रेस को बाबा को मिलता हुआ अपर समर्थन देखकर डर लगने लगा
उसे अपना असितत्व खतरे में दिखाई दिया तो उसने एक गेम प्लान किया--- बाबा और कालेधन की मांग को ब्रह्माण्ड में विलीन करवाने का
दिनांक :- 5 अप्रैल 2011
स्थान :- जंतर मंतर
जनता के सामने एक नया हीरो अवतरित हुआ और एक नया मुद्दा
उस हीरो को अनशन पर बिठाया गया और इसका पूरा खर्चा उठाया कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल ने
कांग्रेस के टुकडो पर पलने वाली मीडिया ने उसका खूब जोर शोर से प्रचार किया की वो एव्क ही दिन में zero से हीरो बन गया
दिनांक :- ४ जून 2011
स्थान :- रामलीला मैदान
२१ घंटे में ही कांग्रेसी साम्राज्य की नीव हिल गयी सरकार अपनी सभी साजिशो को असफल होता देखकर लाठी चार्ज करवा दिया
बड़े बूड़े और बच्चो में से किसी को नहीं बख्शा गया
जलियावाला बाग़ याद आ गया लोगो को
मीडिया ने बाबा के खिलाफ दुष्प्रचार करने में कोई कमी नहीं छोड़ी
इसी बीच ९ जून से १६ जून तक सोनिया और राहुल स्वित्ज़रलैंड में अपना black money ठिकाने लगा आये बाद में जब स्विस बैंक के सीईओ ने ये रकम बताई तो वो ४०० लाख करोर से कम होकर २८० लाख करोर बची
अन्ना ने डेल्ही पुलिस की कायवाही के विरुद्ध एक दिन का सांकेतिक अनशन भी किया
दिनांक :-१६ अगस्त 2011
स्थान :- रामलीला मैदान
अन्ना का तीसरा अनशन शुरू
अन्ना को ४ जून के EMOTION का फायदा मिला और लोग ड्रामा देखने जुटे
इसी बीच सोनिया किसी गुप्त रोग का इलाज कराने अमेरिका चली गयी और सुनने में ये भी आया था की उन्होंने BLACK MONEY को GOLD में CONVERT कर लिया
अन्ना ने आन्दोलन के सफल बनाने केलिए सबका नाम लिया लेकिन बाबा और उस शहीद को भुला दिया जिसने आन्दोलन में अपनी जान दे दी क्युकी वो भारत स्वाभिमान से जुड़ा था
अन्ना ने ये कहकर अनशन तोड़ दिया की सरकार ने हमारी मागे मान ली सभी अंधभक्तो ने खूब एन्जॉय किया
सरकार ने अन्ना को दूसरी बार उल्लू बनाया या यु कहे अन्ना और कांग्रेस दोनों ने मिलकर हमे उल्लू बनाया
अग्निवेश ने अमरनाथ यात्रा को ढोंग कहा तो अन्ना शांत
अग्निवेश ने कश्मीर के बिना भारत के नक़्शे के चित्र का अनावरण किया अन्ना फिर भी शांत
अग्निवेश ने अन्ना को पागल हाथी कहा तो टीम से निकल दिया गया
प्रशांत भूषण ने कश्मीर लोड़ने की बात कही
मेधा पाटेकर और संदीप पाण्डेय ने सेना के खिलाफ रैली निकाली
कुमार विश्वास ने भगवन शिव और बाबा के खिलाफ अशोभनीय व्यंग किया
"अकबर की तरह गए थे जोधा की तरह आये" यही बोला था न बाबा के लिए कुमार साहब ने
संदीप पाण्डेय ने rss की तुलना आतंकी संगठन से भी की
किरण बेदी जैसी प्रभावशाली महिला बोलती है "Baba Ramdev has a hidden agenda ."
११ दिसम्बर २०११ को भी एक अनशन किया गया
आज भी एक ड्रामा स्टार्ट होने वाला है
ये अन्ना का जन लोकपाल बिल के लिए पांचवा अनशन होगा लेकिन क्या हासिल हुआ पिछले चार नाटको में
जहा से हमने चलना शुरू किया था वही खड़े है और अगर गहराई से सोचे तो और पीछे ही चले गए है अन्ना बार बार ड्रामा करके लोगो को उलझाये रखना चाहते है ताकि सबका ध्यान BLACK MONEY से हटाया जा सके
कुछ समय बाद कांग्रेस जन लोक पाल बिल पारित करा देगी .. इंतजार का फल मीठा होता है
लोग अन्ना को भगवन की तरह पूजने लगेगे जो अन्ना कहेगे वही लोग करेगे
चूंकि बिल कांग्रेस ने पारित करवाया इसलिए अन्ना कहेगे हम कांग्रेस सरकार के बहुत आभारी है और हमे सरे गिले शिकवे भूल जाना चाहिए
चुकी अन्ना ये मानते है की भर्ष्टाचार में कांग्रेस के पास बेच्लोर डिग्री है तो बीजेपी के पास phd इसलिए अगर २०१४ के आम चुनावों में आन्ना कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग करवाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए और अन्ना एव केजरीवाल कह भी चुके हैं कि अगर कान्ग्रेस जनलोकपाल बिल पारित करती है तो हम उसके साथ मिलकर काम करेंगे।
जो सहमत है उनके लिए ये रियल स्टोरी है और जो असहमत है उनके लिए सिर्फ स्टोरी
वन्दे मातरम
बकबास कहानी है, जब आन्दोलन स्टार्ट हुआ था तो कितने लोग जानते थे जन लोकपाल बिल के बारे में बस कुछ ही लोग,, लेकिन आज पूरा देश जानता ये असर है अन्ना हजारे के आन्दोलन का है,, बिल नहीं बना लकिन उन्होंने लोहों को जगा दिया है और मुझे पूरा विस्वास है एक दिन ये बिल बन भी जायेगा...जय हिंद
ReplyDeletebht khoob bhai @devender bhai u r very true
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